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________________ So वरिलामनसंख्या नसलेला सामानमा तिनपरि सर्वजी बने अहितकार किये अनंतच्या २० काममा मदन का था कि वो पती तलवार अथवा अमेि सोलजी को नीर को उस बकायानो उपहार मसहित कार्य होइरिणाचा सद्व्यम हो । ती दिल्यमुत्ता मुदिखय तिहारसपरिपाठ खुद्द साहसि अनुकरणहार हलोक पर लोकनाट जीदिने तो कई हवायोगेन दिकें मनुष्यस्यादिखना का हितरानी जी ताज महिलयको रुपाने परिणा परिलमें २८ मजेहन उनरो निश्धसपरिणामो निस्सं सोप्रति इंदिनी एयोग समानत्तो कि एहले संजय रिमेन्स कदाग्रता व वारनेदनीच शास्त्र पर वंदना-नानीला बोलवेंसहितया मदनोकरल हा सर किममुकख सिल्ट सरम रस लिंपट रसज्जा 23 धरती सातनिदेव अपलेलेपट जाव मरिसस्त वो अविद्यायाचाही या मिहिन मेयसठे यमज्ञेरस तो हुए। सायगावेस ल्यू हार चित्रादिकारं एक प्रालीनो शेरी आदिक कार्य करें ७५श्कीनुमा सर्वजीव करे मनुष्य एलिमें सदिन तेह नीललियाने वरिपरि २४ लमें चने को बोलेको कार्यकरि प्रव महिने कारादिमासी परनामुल उस महि मारतावर खुदो सादस्सिर्वन रोएय जोगसमा तो नीलले संत्र परिलमे २४वकेवकसमा पर आके सहित हवा करें कमें करावं कोटलीतानाही टोके जलवे विपरीतसईला बैजेने आर्य नमकायें प्रवर्त्तदीज लाल रहित २५ नोवो पारकीवस्तु यारे नियमले ए पनि गर्न दिए मिनदीही अलारिए २५ फाग56 वायति लिये मने रानी हवेवर जे योगसहि कतिलेपानें यरिन में 25 दादेबीनसकें जे परिप मन कामाकरमान मायारहितम्या बीजादिनीत हित पलें व सावलिया कल कादिरहि विन्य हित त जो यावियमहरी (ओग समाजले काउलेसं परिमेयावती अवले मारुले वि
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
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