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________________ ही पुस जे साहस काया करी बिस | तेन र हँसंसार मंडलमहि द्विजे कथाकारको भादिरुध ध्याननोदकवि प्रकारारादिक सर्वज्ञका ध्यान एक प्रति रेते तथा तिमालुसे लिरकू इस निचे सेन अब मंडल यदि कहाँ कसाय सन्नार झाला मान ऐकरोऽध्या जेनिसा वजे नावली- परिहरेनित्य तर संसाराहेसमैन इनिशं सेन सदा T मलकर निश्यि खूपति विसायादिक विहाल हा अतिरक व मंडले (वसुइदिय सम्मिईसुकिरिया जेविसायकरेनित्य | तेन रहे संसारमहि ।।७ लेश्याने विलेन कानीयादिनादिक आहारमाजकारण जैसा हूं सुयजलिर अय इनिनिव्यले सासु बसुकाए सु ( बक्के आहार कारणे लि दिवस तेजपेक्षेसारखेमवि | सादिक आर पनि अनिल वाकयादिक मानक तेवर संसार विजेनि करें नित्य सिंहोगा यहि मासु लहाणे सुसन्तसु | के लिखॐ० सनअन उट्ने रिवेंजझ वयनी 'यतीनादिकदका रहने विजेजित नरसंसा दि गुप्त दिनानिि डा० (सेन बेनित्यसदा कावरुन व एमएस बेलपुत्री सुतिर धम्ममिदसविहे । जोतिर ॐ देशानुयादि यतीनाजिमामादिकनीप्रति जनि परेय तेननमे संसार सप्रकार विशेष करिते हनें विलकरैनि त्यसदाई हि विषै सेनानुवास गाएँ अनमादिक (क्रिया ने दिये जीवनाचे न मूलगाम कजेटले हनेंविष यहि मासु (सिस्कूयहि मास्य जितिर असिना ि किरियासतुयगामेसु परमा
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
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