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जिनकी पुत्री यशि वेकसंबर एत्रिक पद्धत कारुनिया से परु
|जिको धर्मास्तिकायादिक ज्योतिप्रिजेनिथालीत सदहियेंजानस तनिश्वयसा माया दिक नारिनादिकमू दित जिन्दी तर
रोएवाले अॅलसिदिन सेसेस अश्चिकयो (सुयधमेखलुचरित्र मंचासह ि जोरूपतेर्मविएवेना में चिडालिये।
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ताजी वादिकपदार्थ संस्तव सुदृष्टिपरमार्थ श्राचार्यादिकश्री करिबोजेवा लोकीनास्वय करिए सम्म साते स्नोति से दिवे विनयया सम्पक्तकमनाउ कोलिंग चादिकनो दयश्कादाय तिन्यायनदर्शनकारिनिन्छ वा दिक अन् दर्शनाने ऊसलाई वारिन निरतिरूपसम्युक्तविहान दर्शन स्पम्प के विजजनानं सम्युक्तनीसाची सहान्य तेनोलोनो सरिदेविनययाशादिमिरमम्कीसह २० दानाएतले स्फेनादसम्युक्त दिनावारि लएितले सम्युक्त इति दिरतिमुरियुगपत
लालिदिय | सोम्मरु चिनायो २७रमसंघ दोवा सुदिनं । परमचे सेवादाविदान्तकु
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दलवणाय सम्मज्ञ सहारन विवरितं समन्तदि । दंसले इछं | संमत्तवरिता
पूर्वसाथ जो लिए सम्वत २९ अमल सम्पर्क मा वज्ञानन | अने दान दिनानारत्रतादिकाने एक० चारित्र एसम्म मुझे कानन विषमादिकरणसत्त७ वेद नकय कर्मका का
सुनिने मोह
चारित्र
विलानऊ तिवरण मुखो | प्रगुणिस्सन चिमुरको
झुगवं इंच सम्मत्तासलि स्सनाले नाले अने अकाल मे कोलोनिलो 30 दर्शनाप्रति वारक है देराथका अने२ दर्शन धर्मनीदां ज्ञान करकरीना को प्रसंसो करतिनो धानकन) सर्वधक से कान करें जिन नाव नोदेनकरिकपदर्शनीदेवी सम्पक धर्मनाऽनुष्टाननै रिमीदातें चिरवाह नाकररी
दृष्टिवि
नश्चिव्यधुवस्सनिच्छाले उयो निस्संकियनिकेखिय निदित्तिगिलास मूठ दितीय ववदधिरीकर