SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 286
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 241/2 अक्षेत्रधिकारकर्मपावना-विधमध्यानकून २८ नेट् तेनोमुखते तचारि -नमुदिते तेजनाथ की यज्ञ संयमनेनो अर्थ वेदसी योगायो चंड्मा ने प: १४३ उत्तराध्य सं(साऊदसुपुनिनान्यमिहोनं मुविया | अन्न हा वेय सामुदान रक सामु स्वंदी | धमाल कार्यक्षेत्रीय श्री १६ जिम चंद्रमा ८८ आदेश | बिना आदरसदिनार दें हाथ जोन तथा स्तुति उप्रप्रधंनजिम होई मितेरी / बनदेव जलि करनाथकान मस्कारा करता मननेद्र लहार होईनदेव ९७ नेशदिक अन्तनिक समस्ततिक कासवो मुदी डासाचंद गहराइया विद्वतीये जलाने डा दिमाग न मं संता उत्तम मा हारि तनाजोए अनियज्ञ नाबाद हवा पुराणदिकवितिहरू सझाया हालात पर नियतीबेट १८ केल तेता देवयान्य आनी संपदानीपति जालिकले बासीतलया-दविजा केवा रंगारीताकाप्रवत्त लेकथयती कहे जे लोक वादे सदादविमो लें सदा चामल कियाया डागाड नवा विक्रमा हा संयम मूढा समय तव सी (सास बन्नाय वगिएगा।रजको लोए कलेजिम अ मालत बना जाणती शंकरा दि के रुलाते ह कलाग्राम्ह एह नौकेन नालको पूजनादिक संगनक रे अने सृजनादिकने बेलावुत्ता ( जीवा महिना सदर कुसल संदिनीतं वयं बूम म हाल १९ जोऊन साय लोवेनहीमने सदाए ती शंकरना वचन शिक्षेत दिवेर में माता मा २० मतीयम्भूमैननिमलसरी/मुदाकरी ते आहे कुटुंबनिय जे हुए बिना किम करि बाजेले जेहनें इयंती नसोच्नईचा वयमिति वयं बूम मादल । २० जाय रुवदाम नियंत मलयावगं रामप्रेम प्रीतिरूप मनें तेनैच्यंंक्ॐ ब्राह्मण २९ नथनोकरदार तय करवंद्र समजेल मांस अलोहारक गो + इंद्रियजेलमा बाय निवारया राग दोसरायाश्या तंबयंबुममा तव स्सि किसी चिसोलिये मुबयंयत्त असा क दिन उथको २४३
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy