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________________ Mथयो महरू योरितसफल याम मिलेका २५ ज्ञानप्रतिज्ञानादिक तेल करनेदर्शनस मसानीसर तामाकाजी यांसनिमगत थका उत्तनय थारमात वारित्र करने दे करीनं वें करानें मुक्ति लोन उत्तराध् यमोरंतु रियं । पावे सुतेदमी सरो|२| नालंदराचा चरित्रेण तदवय (खेती छत्त रहित कराने तथा वे आसा २५ एवएले प्रकार ते बलदेवच्च दशेदशा र प्रादिदेशनेबल अरिहंतनेमिनाथ जगत सनक लोक वासुदेवने मिते वेळेस वासुदेव जलमनुष्य लोक घ व्य: २३९ वादिने एवेव वमालो सव दिया२९ एवं तेराम के सवा | दसा रायाब ए अरिहने मिनंदिन २७ सग्नलनिराजकुमारिका राजीवती ज्याघ वदी का सामना व्याहरिका नगरिमा हिथनेमि नाथवेदनमा व्या तिथी आनंदप्रद रहित थकी 7 ने माया बारगाह २७ | सो ऊरायवरकन्ना | साहिणस्स उनी हासाउ निराल राजीतील चिंता शिकारमा राजीवतव्य जे तेथेंनिमिश्व प्रतिसयां श्रेयन योगकरी व्याप्तथ ती गेडी प्रवज्या 127 लागी दासोगेल व समुचया २८ रामविधिं प्रमजीवियं जस्तेयरिता सिय पाली दीक्षा लेने जिल्ललीवर ब अथएन जान्ने तरने राजीमती तथाश्वके समाल स्वामीनोपदेशसांनी आज्ञा इतिवंत श्रेयव अमरसरीया काळाच्यत्येतसो जाय कवक की मोसमा सो जायमान वयोलीच करेनावस तकायरनही थाय मान हिन धर्मकरवाने वि निल पवई उपमा रूसा लमर से कासे कुछ कागज साहिए। सयमेव लंच के से। धिमे जो व्यावें जेलें के तले लोकी संसाररूपसौरबी हां बेथकें जीत द्रिय जे ॐ वसुदेव एक हेराजीमती अलंकार जली तेहप्रवेशरिजेक्हे कं मुलो श्रीसीता लो विचस्सिया वासुदेवो असल बुत्त केस सियदि संसार सागरे छोर । तरकन्नेल
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
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