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सोने के दो जिगायनाक प्रोटीजे नथति नगरर्थयोराजा तेजप्रताप
उत्तराध्य ॥ -पः २२९
बरूदेवएवेो नाम बेंजे नौ राजाननालचकथन अंकुसादिक ते कस
(रायल र एसए रोहिणी नेसुन नो नाम बलदेव २ सोरिपुर नामा देवकीनो पुत्र के सब वासुदेव
सोरियपुरम्मिनयरे । प्रासिण्यामदहिए | वसुदेव शिनामे तेवमुदेवने जात्रा दोयथर रोहिली अन देवकाजस्ानाएनाम पुत्र बेटा जालिश ६९ तिलते बिना
मामोद
नगर वि
तस्मनाऽवेच्यासिदिला देवदूत हाता सिन्हं विदो
||२६| राम के सवा २ सोरि
मलाई
थ्योराजति जता बंत मोटार विजयनामा राजा वसु देव जानना चक्रवज्यताकादिक ते समुद्रविजय दिक नाजेरुले सा तेणें करी से युक्तसहित राजानशिवादेवा यपुरंमिनयरे । प्रासिण्यामहहिए | समुह विजए नाम | रायल रकाडा ए|a | तस्सा एहना में नास्तेि नेटोमाटो तयानो राईत अत्रि नौ को दी माता का एलान लिटि अरिष्टनेमिनाथ शिवदेवीन लीमर्यदित मिनाथन लोक नोली अमरप काम जी तोतली इंद्रियना
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डा सिवानामेता से सुतेम हायसे । जयवं अरिहनेमित्ति (लोग ना हे दे मी सरे । सो रिहमे मि anaa राजाना जेवक ) दिके कल्याणकारीया गादिक नीरेाहादिक बेजेाविकांतिशरीर सहितले प्रथम वैजेहनी
कमलना एच
एक ममावललोहार
नामोय जिरक लस्सर संजुनी सहस्स ल रक लधौ संध्या सौपा सेमतिसंस्तावलें जेन ते आकारेंसरी बोउदर पेटवेंजेन ते नेमिनाथनगर स्थानक मालक ते नेमिनाथ दंत नजानी
यिम कालकवी राजीमती इसे नामें केन्या बालिका वा से सीकरिवानें यावें केस वासुदेव दोश्र
संध्या । समचरं सोकसो दरो तस्स राइम कन्ना । जडां जाय ६ केसवे (सारा
वऊरिस एतानंतर ते राजीन ती राजा उग्रसेन ते