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दावेनक्वेन्नयवावयेत् क्वेंनहा जेलिनगरिशंहस्ति
नि तपस्वी स्वामवान् दिगंबायरिग ते दे (सवेनचिद्यान्तनवेदयेत् । मात्मातसहित संयमत बलसहित परिसद ने शील गीता उता विवासत्रस उसका चीनी चीनप स देवनादिकः श्रयमि अनेरा परीसची डाकि लेकि लें आसिक धर्माविराधे जेनिश्चलचितनो बैजिप्रास नाकासम् मानि दुगबान पर गत देव्यामोदि रुइते फलादिकनबें दें: अत्येवमादिक सहिकरीत पचावेंनही पडतो असतो फल दिव्याहारये दीप तामतिवारे स्तिमित्र नार्याप्ररणका समाचरेदृट मित्रश्रेष्टि वास वसे तेहने के तलेकाले एक वारसाधू विहार करतां मनसे ने काटी जागो अति पीडाउनी जो यवा आय असमर्थथयो। तिलेबीजाप्रासमानकोष, विराम्यकपनोति बोटले खरोहेाचतातोपीरो कोपिला जातपांलिवचषिसतिहाथ कीते वारें(स्तिमित्रपुत्र दष्मी श्रमाचे लुले बीजामाहात्मा बघावा याति वै मार्गे जाता मोरुनाथचेलौनाको निरतिचार संयम त्यागे आयोति वै पितासा अलसलले पीडाव शुध्यानैकाल करी देवता चेलैमन जा वाले
बोट
पितामृत पायो मुग्ध्यकौ वासेंज में नथ कौवे लौवनफलादिकन त्यै तद्वैति एादेवताये तेस्वैतिल देवतायें ते शरीरप्रहिष्टी नइ मोदथ कौ चे लाने को कुलकनिहाविष्टिश्श्रुि कश्धन नावननेंविषतिजातिहांना व सलहा कनैनिकादेस्यै वैलधर्म लाज के स्तौति हंगा यो तिदेवता वनमाथि काटिदेव शक्तेनातपाली विसरावें। इस दिन केत लागया। एवैते हाज माहात्मा तिल हीजर आदी मिल्पाचे लाने पू । प्रो मुलक तापिताजर्विबैले कस हा तो आनें देषाममा जे हवं तेचेला पिताया से श्रावै । एतले देवता काया की दृष्टिथ्यौ हिवडाजी Assig बx वृत्तौ तौ निर्जीव संदेषी चिंतवैमोऽथ को देवताईचेलानी दया की है। जीवितायै पीडासा