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________________ नाईको करमोटलको बेसिव विनंती ती बाडे कांटात करीन काम नाही करताना तेरी वारजे तवा समा प नई माधौपुगे उत्तराध्य क्षेत्रबधवो / करवतकर कयाइदि। विन्नयुजो अलग सोच्इतिखं कंटगाइने | रंगे सिंबलि यः १११ तेनें बायो कर्ममे कहने पासे करीबंश सरानो प्रतिकष्ट पाते पर मोटा यंत्र को लोकंद करतो ज्या तो प्रतिस वि बाध्यो९हवेवर मामाइंडर तालदिल दोहिलो जाल बोमातापिता मेलकानी बं मोतिमा तानेक करीने कराने पायदेखे वियपास बद्देग कहो कहा कि हाजते बुवा | आरसे तो सुनेरखं पिलि पापकर्मनाला तोरा करतो व क निराते सामने सबल ना माजे पर मामी बनी परे वेदे नोकरला एतावतार कृत एनास ते लेक ने दिया मी अजूना उदा करने भारी ती वारजे नाता मातापिता का उसिक मे याद कम्मे हिणं तसो (अवंत कोल सुल एहि । साप्ते हेस बने दिया या हियो पुरक एट करतो तर एनं ती वारजे नोन्मनंतपार । तरक कराने के अलसी नाफूलनीवरेंनालेत्रिसूले कराने स्थायारविवैद्य पर हो દંડોમાતાવિયા काव तेरी नई ही विदानावर लोकविशेयावकर्मक। फालिन बिलैौ । विकुरे तो अले गयो |४| मसिहा मय सिवन्नादि सल्ल हिंपहि सिहिय बिलो अवसपरवसथ कोलो छ्नैरथे जोती तेवली की बलतोरथ्मने कव्येमुऊन तो कायलाही राहिल्याव करलीज नरकादिकनौ प 7 मुकनें परमाक्षादिनायै) ममिलने सतबुल अजोत्र दिसली सचान विभिन्न याउ इनोपावकम्मा ५५॥ प्रवसो लोह रहे जुत्ते | जलते समिला जुगे (चोईउत्तोत्तः कारण मातापिता मायो का दिकैकरा | रोऊउंजिम लाकी न्यादिकैक्कुटाने या! परदेवताश्रमाला राजकीय बलतेची आग मसानी / रामरूपी नवें गल अपने दिवं नारे-पवसें परवसे नै परेमुक माता बिना जुतेहिं रोझो राजा या िया सरोजले तंमि चियासु प्रदि सो विव दढोएको यन्त्रव
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
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