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________________ 84 १७ जिम किंवा विषनाफलं व पितेविषबाधानं वरपरा एवं दृष्ट तेजोगव्याऊ परिलम बेड्‌डें बेनाफ चिलीक्सना मेलान होने बाधा थी मरणल इंडीयनाकाम उद्यादेतिबारे प्र काडमाडे जो तमेव सरसवोज हा किलफ लाएं | लामो नसुंदरी एवं मुत्ताल जोगाएँ। परिणामोन सं तेली जाएं खीममादिकें करी अतिपी श्रीपरंपर थऊ विलसन जिम को करुमषशेमस्वी अथवा नगरादिकने मार दिलसरन व्यादिरहित जातो की दरी | १० हा जोमदं तं पाहियो जगचं तोसे 56 होश वादा रोगेदिया डिलारा एवं इष्टतेाश्री मरि हंता करने मातापिता जो मदं तंतु सपाद जो तो से कहा हो | जुहा तिन्हा हिंविविधिरधिका अन्य कर्मकरहितवेदनारहित |जिस दिने विषयले सजाय तेथूनौ लाय जागे थके घबजे 'जिमको जाये परनब अनेरा तौथ को आली : रबी अवतारने व थायें ऊणं जेलेन श्रनवेगळं तो सेफदा होश अध्यकअवेयले २९ जहागेदे पलितं मितस्संगे थको जितु प्रली तेसारप्रधानजे सांझ हिरीयो गाते ब्रथ मनप्रसार अल्पभाटला काबाहिरका मुल्य 4 एवं लोकविले जरामरढवले ते अनेरा घुले लागधकें करी बलताएं की लगो थाई du हस्स जोय सारं संप्राणिनीले आपलोमासार किरीयाला अहो मातापिताउ करिकता रिस्कं. दविदा का ज व्याणं रातार ईस्सामि उसे हिच लुमन्त्रिउ | २३ |तबिम्मापियरे । सामन्त्रयुक्त चरं । गुलाटी सहा सारे अवरए। २२ एवं लोए पलित्तंमि (जराये मरणे या अनुमति २३ दिवेत्रप्रतेप्रातापुत्रवारित्र चारित्रवार ケ 1 पिताकः अतिउक्कर बैं ना करणारी लोग
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
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