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एकमृग
राजारस
अस्रुट कांपियनगर के सरीन या मृगना टोला माहिथीना ने करी थानेसर केसरी उद्यान अलगारस जेहनें घर यौनदनविषु 12 साहनी के विनु खोल के सरी। सीएसंतेमित्त विश्रसबिए|| रुके रंमिउद्या लेण बारनेतयते हि सजाय प्रकारे वाला पडिवून लाउपडितला एक वेदे मार दो नागरखे तिमो वानें विबंधन जश्नवेजेहनें
मात्यादिनि जन यादवको ध्यानध्या
मानें या व्या
गारेतवोधणे । सभाया संजुत्तो धम्माल साय को मेवंमी काय कवि नेसानें पास आया मगहर करतौमारतो तेनरएतलानंतर येडे वदरोराजा से उतावला जाते बनने तिनें
जतनामा
दिखें
या सचेतिस्सा गएप्रिएयासविहे इसे निराहवास गया। खिप्यमागम्मसोत हि हत्या देवानं अणगारसा पतिदीमध्यान अथाने तर वें से तीरा जाते साझा र सामुल हक थोडें भेंड बघु नहायत मोबा एपनें
रत्नम
एमि एउपासिता - अलगारे तपासाद महरा यातच संसतो। अलगारो मला जी एउ येऊं के प्रग्सना रसने िलंट णिवा घोटका रिसनें - अलगारानेंते संयतनामानृप विनय कर के देवत
नोव्यसन वें जेहनें
चरण
मंदपुन्ने | गिल घिला ७ मा सेरिस इता। अलारस सोनि हो । विलए ददस्य जगत मग ही से । एतजीनंतर मोन ध्यानमा बोल्तयोरुयध्यान- आश्रय (राजाने निमेनला को नही मायराम रघुनेयता गर्दा जगतसहित जो करी राजा बोलेंन तिमर राजा तिल्यान
एलगइनमे खमे अरु झालेल सोलग अलगारे साल मिस्सिए | राया लेनयमि