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________________ मालिस दिन पुन्यनें कलें 7 करी सहित संतमादिमा लयम हा सावै | महिहि पुष्प फलोब वे जंगली 114 चित्रोंविण जाहिद्दिन हिमालसहित कांतिते नामद 7 हेमाहाराज आदे विषिजालाहित देवरायां रही जुई तस्स विय मोटूजेहरुक्ततथा एदी भी रिश्तादिक नामु साली मनुष्य गाथासानि दाना नारदमहिठां साहशील चारित्र गुल व्यतया ९२६रुवावास्त्रयो गाहा एक गीयांनर सिघम सेज लिखु (गोसीलगु लोव ज्ञानतेक ६६ जनप्रक्वननै दिने यन्त्रवतवैथास्ति में कर निमनेबैमुनिने अतिशय क्षेत्र आवासप्रासाद रासहित बिणसांजली विशेष सातावता साऊदक ते विकले बाजामा प्रतिरमलीकर जसि वेया इहजयंतोस प्रलोमि जाउ ९२ तन दर मक्क क्के यब से यवेश्या आवस हायर! मानली जोलीनें में वि एयर हे विश्वनाथन व्यस्त प्रतिपालये चाल नामदेवानागुरुवा सब नाटिकेकरी शास्त्रीपादीदा २१४ र्णादिकें करी ज दिकेसहित] एतावता चालदेशमां है २३ नंकर दाजित्रम दंग दिके करा महामंत्री (चितप्पत्यं यसाहियं चाललो वयं । नहे हिंगी एहियवाई एहि नारी ना देने पर वारेकरीयरवस जोगदिनोगयांवयना आप्रत्यदेवीजता एकलौते नेरु चैलेके निचे एप्रद्ज्य चित्रमुनि + पिलर बन होनि सा नारीजा पर वारयंती। राजा सोगाइमाई सिरक (ममरोय ५९४ कौ का ब्रम्हदत्तप्र करनिकराजले तउनायकप्रतेकांमनोमनाजोगी विचित्र्यतीते चक्रवर्ति । चित्रा कम निए आपली कस्मे 7 नई हितो निक या एक राग नरादिका प्रमुळे गद्दि। धुम्मे विउत्तरस दिया एक चित्रो
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
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