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________________ Studiar 1980 यष्टितरिकेसीकाची भूमिनें निमजनीची दिदिलवावैपि विधाननाबीजवावैकरसी नरिपेती नजस्यै एह वीक रसलीनीला आपोद्योऊनें तो तुम्ही भीमसमान जाण ऊंची बरा बाबाई एप एपरूपमजली मलेस बिआइयं चतिहासगा। तहेवन्न्ने सय ग्राससा। एयाए सिाइट्ला हिमा १२ बजावा बोल्यारुडारे समान यात्र हेजा एषा जिलें क्षेत्र दीधुन्नादिक जन्मांतरे प्रकटथाई मा बैप्रसिबी लोकनें विब मुक यौ ॐ समस्त रुला राह पुल प्रियं खुखितं खिताप्रम्हे बिदियाल लो ए| जहि किन्नाविरु संतिपुन्ना जे जिवाम् एभीजातिअनेरिया शास्त्रादिक तेलरुवीय क्षेत्र मनोहरानंदी १० तेले सहित सहखमुल थाई यो मन राष्ट्य की माया कुटुंबोलि लोनी वनौजेबानने वैमदत्त माणजावियोववेया। ताखित्ताईस पेसलाइ २ को होय मालो यव होइ जे सि । प्रोसे वसूनि नातिनी करी ही लाजालाम् तेद्राणवायचे नवे वायसहित जाला || जब नान्यादिकतुं अदसंवयरिंच तेमाला जाइ विजा दिया। ताई खिलायावया | २४| उसे चा दिप्रोवेदरुपी कणिनाषक समर्थन थी जाता वेदादिक उंचैनीचे मुनिश्वर विवरैया दारादिकने यती पत्र पात्रते 7. करवेद तुम्हारेंयती मुसलन मनोहर लोसार रागिराला अनंनयाले च्प्रहिज्ज वेल उचावयाऽमुलिलो चरति । ताइंड खिता जोलवा १५ एग्नानंतर विद्यार्थी बोज्यमुनिप्रतें अवलवादी किंवा पेंट स्पुरेस हा उपाध्यायनेंस बोलें मेरे पा मिजो मत्प्रत्यक दी से वि 2018 सुपेसलाइ ९५|सावयालंयहि कूलचा सी। पनास से हिउसगा सिअहं प्रविश्य दिए
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
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