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दीक्षेविराग्यथको दिव्या लिए तय एकात करें। चीण जातमकरेंरों एदकारण तो सिमां दिदीले । जाइ कुलरुपबलरूय | तब जाल सिरिय6 मयमत्तोए (यावियबंध अाइबऊंञ्च संसारे श्वाम्हणादि कजात नऊपूर्वजवंसते गर्वनेंसयरनो रुपसेबल प्रकार विद्या नामद पणतयनोगदान पर्यनतजि कुरा नगई जामद करत जीवदीन जात ऊपजे अ लप्रय कौनंतीदारनीवतरेरै रूपमद्ध को या लवांतरऊरुप थाई / एहज वातऊपर | जाईए उतले १मीरसरियां बलविद्या इतवेमे लान एम्वजो खिसे २(आपली उत्तमजातिक अनेरा इसे निदे ॐ जावे | इसी रे प्रधानकल लावें ऊतें / अनेरा नैनिंदे जे माहौल उत्तम इल रिसलाइ बलरूपें विद्या लाजते आप प्रदें रेकरीयरने निंदें | माहोल उत्तम ॐविद्यावतारम बीजा ने हिले नि । इमफिलऊवैतिक ||संसारमरणवयं गां नियंग ला लोयसमड्ड संतकाल | उमए विदिधिद्या |१| संसार जित्नो पारनपानीये | एरुवै मनोधूली(नी यहा लवेनीचस्तानक हीनजातिक लादिपांप्रतोऽथा। - यावेप्रद नौएडा. वर्जवगत घासव विऊजयंती (जाइम जाईसमजइज | सोम्प्रजरिसिजहा। ६रिए सिबलिरहा । यती माहात्म गातयनियमसंयमनेविषे। यत्रद्यप्रकरतो तो। यातिकलमदादिकेकरी मां नें जात्या दिकेरु डोबैतिसा नौगई करें। सोमेश्रमादात्मा मे तार्यक्रषि ने हरिके सीमा बानी परे दीनजातिल @तिसोमदेव चारित्रपरीवा तो पिलगारेक अंगमलनी था तनोप्रदकरतो ते रुकरदेिवताथयो। तिघं देवतानी नत्र उहें। गंगा नै तिरेंबलकोट । इस्नाप्रतिमाला कुरतिद्ने गोरी गंभारी बलाया। गोरीनी रुषेकपन | तिलवे लाइ ते चांफाल इंफल्या फूल्यो । बोस्वप्रमादिदेमें स्वप्नया वयो। तिलक | म्हारे पुत्र को स्पेकित लेक काल पुत्रजन्यो । पूर्वकर्मना जो गथ की ऊरुप | मातापिता स केसी बलनाप्रदा क्षेति वध तोकल प्रिया मा हारी साली जि एबालकमा हैरमेतिं बालक ने मारे
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