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________________ M कि हांथो एव सांजली (आलान स्थन जो जीसाक्ला त्रोही | ताथ सोने हत्त प्रदत्तकी धा उत्तराध्यय वनमै जईतासाश्रम नांग्या (ए जाओ लिक पूवैवापि सिचानक हाथी कलाये नहीं नपत्रः दु घुला प्रकार की मिलते हाथेना यो एकदा देव लायक है। वरमे अय्या देतो नए दौ सोनली से चालक आपलो ममी राजाश्रलिक नी साजाये आयो । परमसु पायो। रा जाश्रेलिक नोट हस्तायो । म सर्वदमवी (तिप्रसर्व जिवसुष्या में इस्ल कनें विषैजसो पर नवें मुक्त गावोऽमजा लींची मावस करे|२९|इति जेच्या या इंड्मोकली बुद्धतनाजान आचार्यस्यु आवका लोक देवता अथवा ये तो बान थी नीवरेने जॉबेदनेऽथवा संथा स्तो यमलाई बोहकर्मकार्यक रहस्य एकांति नकरिक इण्विानु ननकीज ने पहिली यंच बुलवाया यम्मुला (आचीबाऊ वा रहस्से जसियान अगले पूर्वदेन बेसीये गुरुच्या गलिबेस तगंच्या पोटीच साथ गुरुने गुरुनी टाचणसंघुटीयेन हो वि१ि७ नपरक नखनिव किञ्चापिनी नई जेरु लाऊ रु सयले नायक स वक्रद्याक याइ शिष्यवाटे सूता बेघांगुरु नौवचन सांजले नहानेह मैं एमजकरस्पा १८लू पालंबी वाले नही गुरु पागलि मिलि बापगउपरि वयसारी लांब घालीने छाली बेसेना - सैना रुनै सभापलिबैस दोनदा लेनिन व पल्स नियंऊ द्यायक पिंचमंड९ पाए पसारएवाचिन चिहे गुरुांति
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
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