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________________ कालै केवल उपनोसमका लेपो पोहता एयारनो सब विस्तारचरित्र की जाए विना गुरप्रतिबोध राध्य वांया बारे प्रत्येक बुधनी कथा सेयूलेः । संवहार वैसा सुदि ४ तिथौ गुरुवासरे लियीरुतंः॥ जातिजन्मसंसारी ने बुद्धि पोते हाजतत्वज्ञान जाए झूले प्रभां पुत्रने थावनिराज्यने घरथकीनी कलें नमी से नामें नारित्रविष यनयः ५५ Tar 7 दि राजा जाईसिरिनु सयवे (सहसंबु क्षे अणुत्तरेध (संविउरजे प्रनिनिखमइन मीराया प्रमोन मेतपुरमादेरसप्रन लोगनिमी राजा प्रतिबोधांयुथ काम लालोग २ तेनमी राजदेवलोकने सरीबा लोबा २शसोदेव्लोगस रिसोतिउरवर गर्न वरेनोगे | जुजी उन मीराया। बुनोगे परिचय ऊ मिथुला नारी सहित पुरजन सैन्याथी घोडादि-अंतरानेघरथ की नीकल्युं प्रेत बैजिस्ते एका ते कहियेोक्तेनें एक प्रसारण कर्म पददेशेक परिजन नफस्वाकरसव दादालाही अमिरुले सपुर जल वयं । बलमारोथे परियां स विद्या अनिनिरकं तो। एगत महि प्रायो आयो कोलाहल प्रादादिकत मिथिलानगरिने विदा छालतें | तिवारें राज्यपवस्वा बांकी कामको जगतज्ञानंत तसा नकनें दियें थके लोमहर्षबोधाथकी हिग्नयनं ४ को लालसू सिमिहिला इयन्त्र्यं ते मितईआराय रिसॉमी ॥
SR No.650033
Book TitleLokashaha ki Hundi
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages424
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript
File Size200 MB
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