SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 5
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सघाश्रुत्तर के अएबमधीसा अघाउ-एकअदासाक/ उ.धणार आवाक हियर याकदिए अनुयोग हारस्वरकोसुटरबंधप्रझयप्रसयएउग्दासाउदिसाप्रावस्मय नो-एकग्रेगनहीं तो धरणगन सुःआवस्यक ना.घणाप्ताकंधन/नो यावश्यकना श्रावस्ययन नएकचन एकाधयनाकाहीयरएकधेन घरायअमेयनरव कहीए (कंधकही। कहायक गं नोवेगानाअंगाशीसयरगंवानास्यवधानाप्रक्ष्यण अक्षय नो-आवरूपक आव२१वनदाराकडादसउनकतम्हा यतिकरनीनथानावसिक करतोगुलहीण नरएकउदसारहायश्घाडादसाकडीएनही/नरपराधारान-निष्पाश्परधारश्पकनानिषेपामारकरीमश्ननि कहीएनी) नामादिकखापीइमारनिमाटीशांवरपर सेपाकई गाराना राहासानानासातिम्हाप्रावस्सयनिरिविस्सासिनि सुरजनानिषणस्परस्त्रीख-श्रुतखंधना श्राध्ययनाने निनामादिकस्वापीरनमारनीष पाक नानिषेपाचारकरीस्पर निषेपल्यारका क्षेपास्पर रीस्पई ज-जिहान-जा जेनीवादि विविस्सामिावर्धनिरिवविस्सामिाअभयरणानिविविस्सामिाजा ॥ Elicational Civinerandieanlive
SR No.650032
Book TitleAnuyogadwara Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
Author
PublisherSujalpur
Publication Year1851
Total Pages412
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size168 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy