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________________ किनार सात स तेसनिनद्रव्मन उपक्रम से तर्कको वित्त या विना सातपासमार उतथा विनाम यानो उपकम्पन ना उपक्रम सीपी परमार वो कर अनुप्रेसर प्रवद्यामामसचिन भोग चारश्व इतिभोगी पुरुष यलर तिषाम्पार नारद्रव्य-प्राप भारति वरती म ई-प्रधानन शेतक हस रवि ए-गुल · माकरम सरीसिंते. वासव १ कोइ कानसहित बनन खं-बाउँ काम सकिंतचितवाद्यावकाम खंडा या द्रव्य उपक्रम मते कि कोण माइजे राजपुत्तन थाना गीत्यादिवत हनु निर्णय का ए लाभार जिमनेनप्रत्ये तर उपज शत तनी जातिसर ईणं गुडाई मत्रफीतं चित्रा दो वकाम/सकितमी सदानी धन्याभरणा विशेष श्री सा प्रमु-सि-ते मिश्र मनोउपसते कि क्षेत्र ने उप वङ्गणिका नु करिया- घोडामं वपव्हा एादि के करी समार बुनथान नासमोर कन स. नाव- विश्वई नकल क गरनइविवक चउस ६४ क चक्कामाशासाचच घमंएिआमाई सतंमी सदा वक्काम सकिंत नगरण एकवेश श्राददे स छन मीश्रव्य उप लात कारण -शराबा परिक्षा उपक तिनवी गवरी एका -जेहरु रुनादिककरी ख- क्षेत्रन र उसमारीया नयी ि परिणा व्याप बालीरीत तिम करू जिरात्र बेटी नी रगीवर नाग्रमि ज्ञानवान नविषाप स्थापने कोन करा सर्वत्र नीतिवत पाए४ वातावकामा राज गरु लकुलियाई हिं बनाई उच कमज्जेत जाईन रवियरवनकी उ ध्याशी शया उउउजा
SR No.650032
Book TitleAnuyogadwara Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
Author
PublisherSujalpur
Publication Year1851
Total Pages412
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size168 MB
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