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________________ जमा करव भने शनि ग्रह रामभ· बोईजे. जेन. नुभश शुबई, बबन प्रदे तेते न होकारा देश दशनामे कराते प्रयुजेागधतिकाय्शास्ट्र बैं सनही घरातदेशन उ अप- प्रदेश तेल भयंता गामा संगा हा भार नभए सि एतं पण साताभरिक म्हाम्जासादि यूनान उदेश इन्पनो को को जरामा हरिदासी घर वे रातो बीधाम को कई मकरमा हर खुराक हा रातमा हि ते मार खाई भामा उबीते हो दास पारी रमण माहरो प्रदेश न री नः तुन पासा सालास्स वदनस्सा का दिलातासि रणाम रखारा कि उसा यदा सारारा मा. मीसम नाकारो मनमभ. उई प-पांचनप्रदेस · देव रबरध.. श्री भारत पुद्गला सति काय शिजाब बनो प्रदेस धर्मास्तिकायन उपदेश सो बंधन उपदेश यासमाभागपिप एसोभणाहिं पंचरहं पशातात धम्मपगला जाबखंधपणासा ए. एम. बोलतो. बाबरन ने जेनुः पवनोप- प्रदेशमभरणीनं तेन रोइन कलकार लि लीनं बोलन ऐब कम्याशी अ (घाई भरणीन. जिस एवंवयं तसं गहराई सिपंच प्रए सातंनभर कम्हा जर ज
SR No.650032
Book TitleAnuyogadwara Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
Author
PublisherSujalpur
Publication Year1851
Total Pages412
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size168 MB
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