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________________ मनीसा-वार-पंपांच/प-परमान्तिकाउ-गाडरा उन्ना SHMI मम्म मानन्तक रू-गाडरा उरनी मि- मिनास्पा उदानास्गिाना कानापरकार भगना रखर नीउन उनर रानुनीपनुउन स्याउ उपाय हानुपर गरानाकोनुनेस्ना नीफ्नूमन्तथा जीनी लेन-ननननाउगवाकना। पिन धाकुचाशीनीपन अथवाएगादीकलभोगर नीपना नानीपनी वबादितुनीत-ते G मिॉगवालय पंचविखापरणतं तंजहाउणिए उरिए मियलोमएकुतावाका स-मणिप्रभु से-यात त मेनेनाराजाणगतेना रणनुमरी मायनुते डेट जड़ास तो हामसिलवालयासकितावक्करं समाईसवकंसनंजाणगसरी सभडियसरीर यतिरिक दबकरीसने नो-नोश्रागम) द्रवस्त्र मन्नद्रयाल । भवियसरीर वरिखसुासनांनाभागमरवनुयासतंद करिए मिनिकितभावहादबारप.पस्याभगवान-तकरया आगमनाना-नायागमथनी काणनेते तेस्ना भावत पर बडभावस्टा भावहजार विमुमतिंभावमुरविलंपणते तंजहानागमउयाना प्रागम Tvuntimelibrary.org
SR No.650032
Book TitleAnuyogadwara Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
Author
PublisherSujalpur
Publication Year1851
Total Pages412
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size168 MB
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