SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 295
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ निमाका- कोउदि से.ते नजीमा नाम तवे कहर बोला, को-एक कोट उस कु को हलेने (ए) ततरुमाहिया बाजाराघात ते माही हय सभावना से हार करी भरी ई) लीड् ई घादी बारावी ४ जह्याकादिगत] [सजहाना माराकाठ एसिया हंडा भरि एतबमा उलूंगा पार कित्ता Q. रमनी लाघाली । श्रा · बीच स-सरसागंगा नदी नी · परिखे पीतेसीई લી पर तेसर्चमा विमायाएवं बिलाश्राम लगाएगा सरिसबागंगाचा सुया परिवता विभ (D- विरि ६. ए. रणिद्रव्याति अ-बनते पाताला ग्राका सिप्रेस राजनतेला बाबाजी च्या एकामच ए एमंदिरांतएं चितस्स पस्सागास पूसा जणांत हिंवा -इसी ए दस अफर स्पाइरह्या बाई ए एस क्षेत्र का एक कोडा कोडिल-हुवई, कोडी को फितार करीनं सु-सूक्ष्म (सोपम स्पार (छावर ई विदेषा इलाहब उग्रहिय्यन्नाए एसि पत्रा एंका डा [कारि हरि दसगुणीयातं महा
SR No.650032
Book TitleAnuyogadwara Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
Author
PublisherSujalpur
Publication Year1851
Total Pages412
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size168 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy