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________________ १४३ एलई वाया तारिक मई ससांरोपम किं विस्य उप- प्रयोजनक जान्यार तू के केरल परिमाणंए एहिं वानरयापति उनाम सागमारामहिं कि पउया जा पप रूप रात एक कर स-नए व्यावहारिक च श्रास प्रमोपम एस.र्थक को सु-सुक्ष्मम - श्र (तं-से) परमोपम मात्र पन्न एकरसतं वाव हारिया पति उ राम सर्कितं हमे सहा एम-तेत्र-जिम सन्ना पाप-१० मि. व जाए. एक साना सानी पर पत्योपम पलिउचाम भागमात्र सज हानाम एपलिसिया जाएगा भागलास संध्यातास्वं खंडकीवात तिवारई, सने वाला बंडाद यावरते हनई (य-संध्यातामा प्रसेम (जरस्तु गति सुस्वास छाई खंडाई का नए सादा उगाहामा ग्रीनां उजा Pete & Personal Use
SR No.650032
Book TitleAnuyogadwara Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
Author
PublisherSujalpur
Publication Year1851
Total Pages412
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size168 MB
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