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________________ ११ विभागचित्रकार -रुतं ते कहा- सई प्रमुख उत्तालवर. कव्यप्रकारेनीपनविभागनिया वे करून पिशवीत तउनमान HUL विभागनिया पंचविहिता जहामा उम्मण उमाण ग. ग्राणी पे चरणोशी को डीप्रमुषमा.प्रमुख दुबीकारेप-पराध-शनमा पनि धान करीनइन रति कीजर जी एी बर तेषाम बई स- देशाकिं कोण मानप्रमाकरी गरिणाममा लास किंतमा दुहिताततं जहा हाधन्न ए. रसमा परेति र समान मानस-ठेरा किं धू-ध्धानमा) दारी - एकपमा परिपसली ईसकहीइर) कोण नप्रमाण वसई रोई से बाकी मागधेदस प्रसिद्ध ब माया मायासकितं धनमाण २ दास उपसई दा स्व. चार सेइनर) कुकुर बच्चा रवाथा नोना- एक क. एक कु उवथा उप एकपाथ (यापन) 5 साठोधायच. मार पस उस याचनासिई या उकुसल उचतारिपाचतार
SR No.650032
Book TitleAnuyogadwara Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
Author
PublisherSujalpur
Publication Year1851
Total Pages412
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size168 MB
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