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________________ स. ते लोक नाम [स-ते कि कोण इतिहास सिग्ला गनामास किं तं संजोगनामे २ रन्नोसुसुरएर (रान्ता राजानीबेटी राजानाबिहिन बनिनाधीन (सं.संयोग नाम) र. राजान उससरड राजान "साई र. राजाना दुर. राजान उसाला नाजामा उपर तो रन्नोमा उ एरन्तेो सह एतानगिणी १६ सनसे एस. तेरा - सेजा) एस. ते किं.स. समीप वा गि· प्रबतन इसमीपनगर न.नगर - बतन कर रस्स किनाम (का) श्रीनाम है रात गरीन गर क लियात मी पिनग गरे त हड वेगान करीयर्ड जागनामास किंत समीर नाग्म गिरिम्स समीविनगरं गिरिनगरं वि - विदिसितिविषईनगरात वादसनगर नदीनई तेरे नामदन) बिना स-समीपन नग (न. नगरान्समिपि नरार कहीयई) गरकृतिवर्ड दिसा एसमीविन गरे व दिसावनाए समाविनगरं विनी नगराए
SR No.650032
Book TitleAnuyogadwara Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
Author
PublisherSujalpur
Publication Year1851
Total Pages412
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size168 MB
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