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________________ ०कीमूल स्वर गाय मकरधर तुरनाक मारादिकेसमा - भोवतेसा स्वरबंधनात समरे तिसरा वर जरा नाम कहर वानर तस्तताला चौ७१ शपथ समारोपर समोसाभर गीत कति छ ब उरिसियाय ब मितील पारकर सतसरसा भराण्या २५ स्वरसुनसानुना तारस्तता पनि अनुसार ४० बांसीमानास्वर सिर पूनि साउसा शिकादिसमात् सूरसम उसे गायें ते नाममय गीग साबसा ते पद समर्थ काय देशादि के उता यूरकर मंपयसमं तालसमलय समं गृहसमं चनिसिय विशप्रति ममुं स रा स्वर. सानस- मी स्परसभा नेतनिदोषमाश सचारात सद्यो समऊ होई में वे इविवि विप्लवं रसम मारोत घात इसम हसमक निवासोवास सम मेगाई ये सूचनादो परति ससिय समं संचारसमं सरासत २६ निद्दा संसा स्वतं चाहर सरनगी न३म. उ- उपनयताने गमी दिन सारै गीत गीतमारा मु.मफ उपदमादिक अलंकार सो- प्रति सुरमर प्रर्थन नी परेंगी गीतम सहितगीत अम्बाव सातसापचा हात करे ब जनमलकियं उभ्यासाव्य रचचियमुत्रामस्य २७
SR No.650032
Book TitleAnuyogadwara Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
Author
PublisherSujalpur
Publication Year1851
Total Pages412
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size168 MB
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