SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 187
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मालिप्रमुख कुसु कोकिला- पांचमा ब. बोरवरसा- ते सारस- अनि नासेन गुड सृतिला शतर से तका) पांचमोस बरबार छेपिपी बोलई सिनविध मोटवर या अह कुसुमस नाचकाला काईला पंचमं सर बचसार सा कुंचा णि गिनियारस्वर में- हीतमा मसालाच राष्ट्र भूमी उनी नी० निश्रराप ने ने कतर में सजुरावस्थाल रस सरुमा · सायं सत्तमं गये ५ सतस राजीवणितियाप एवाज हा सव णि. गोमुखीकारवीरागीरिः) -सं- शेखर बोलेंगे. म. मध्यमसर- रती-चारच पण करी तथा (उषभस्वर 5. कावरी बोब 12 आर पर रड करी धमरार योगा मुहारिस हंसरं संखारवर गंधारं मझिएऊरी ६ च उचल पं प्रति शानरत गोगोधिका नाम वा जिन - उबरने पर मोटी रामस• सान भानविषराज रेड ड्डी सोध्रात पं. पंच धैवत स्वरखो व मोनिषादस वरखोल S स्वर ५ एपस्टाएगा। ग्गाहिया पंचमं सब-इयं महाामरीयसेत
SR No.650032
Book TitleAnuyogadwara Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
Author
PublisherSujalpur
Publication Year1851
Total Pages412
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size168 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy