________________
सुखायिभावस
या नवे ० उ. उप सम नाम / एस-प्रवृति को सरल साधुवमा) (ह-वेश कारई १. परमा) ते-ते करना कभावकारी (निष्पन्नातः)
सतं अवसमिएनामास किं
नातं जहा खइएरख खरवायि कभावी ज्ञानावरणीयादेककर्म वयेकसि ते ते. ए नीमुउउतर सर्व करो सा व्यनिष्फल सकिरहेकम्मेपय् डीएवर एस -सामर्थ कि ग्रावकर्म तो यनेकप्रकारे प-रूप तंतेकर-नारा किम कोण-ते की ते फलनीष जस
6
सकिन वय निष्पापं
प्यारे मानामशनी परित्रका बाथको जिल के सीएम ने मूर्तिज्ञाना रीजन तस्रानीद्रा ज्ञानदर्मनधरणा दर्शनभी केवल खनिद्वारसी चढा थिए गिट्टी पाहीनदय नयी रहस्यानानभारी देवची उपकारी व निदा निहायरसाठा इतियेस्स पर अपर लोक शरारती जीए
नागदसणारपूरहा जाए कि
(स.अर्थकि को एतं ते
दर्शनास राक्षयक
म३४ चनास उम
रोगिभिनि बाहियनारा