________________
यो माहोमा ति सासरी अगली एम-तेला उ. उर्दू लोक) (एक होताश्वी (१- परुपी ते-ते
रुते ॥२२३॥४५) जलसंध्यातालम गुरमीते से यातायते मध्यम
(ति-विन प्रकारह
वज
कहरूब
न्नमन्तसारमा दुरु वाणासापुवी उद्यालाया लाए पुचीतिविहान ७.पुरातुडवी पंपावर - अनानुपूबी ३- किं कोहराएमा धम (ख) देवलोका
तंजा पुचापुडी पछाडि -पूरा पूछी सिकिं तं पुच्चीपुर्वी २ ग्मा ई. ईसालदे (से. सैनन कुमादेव (माहे इंद्रख - ब्रम्हारे से नकदेव (या महायुक्त (स. सह सारदा ग्रा लोकर लोक भू लोकल लोक देवलोक लोक ८ देवलोक माई सास कुंभारे माहिदेवं भाषा एवंं तर माहासहि, सहस्सार प्रश पात्रात. प्रा. प्रार] रादि वासुदेव) वि. विवेकविध अनुमान ईईसी भासते देवलोक १९७ क१२) मान १२ पाच५ यो मुक्ति रीना 112
गाए पारारायच्चरणा-भुनग विद्यविमारणा-प्रणुत्तरविमाशाईसी पमा ए