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________________ निचचए गाया एव दाइं दिया हमण्ण्ठामराणि यतहासागिय बाजावास [तरणा६ ॥ गायमा एवं जातिव परश्या सात कवतिया व सारणा पण नागा सरिता गोतम]]] सच्चाविश्रप्य सच्चा विवादमा समामिचत्रा लिंगम । गातमा सम्मना । लिगमा तिमि मालिया वावरं गिदियविगलिदिया। एएस/ दिवा यासपरियारासादवाया परियाराग तिया दिवा श्रादवीयास परियारा श्रायगतियादि वाया परियार (साका व सारणा (तरंगतात किंवा आप सच्चा। तानकसम्मत्रा लिगमा (मित्रता (संगम) यत्रा निगमाविसम्म मित्रता निगम एवं जाव म्मवालिग मामिवासिगम। ॥ दिवाशांसात किंस गतिया दिवासादिवायामपरियारा। श्राच वयादवीयायरियादिवासाद विद्यादिवासादवी यासपरियारा। ताववजा दारणा।। परियारा गायमा सवपापविवाण मंतशा इमियासा हम्मी सारा कापणस दिवा सादेवायास परियार । सगऊ मारमादिदउला लागलं गम गम दो मुझसे हमारयाएायणापायचा २ सुकाणादा दवायास परियार गोवद्या वघातियावा आदवाया परियारा विवरण दिवासादव
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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