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उमरखीएक माय धारेत्रारिया (समराकसायवा यरामचरित्राया । स किंवा कल लिखा एक साय वा रागव रिचा रिया। किव लिखी एक सायवा यरागचरित्रारिया विद्यापत्रा
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तासाडा गिक व लिखाण कसायवाय रामचरित्रा रियाया खाजा शिकव लिखा एक सायवीयर गधरिवारियाय सकितसाडा गिक व लिखाण कसा यवीयरागचरित्रारिया) साजागिकवलि) रवाणक सायवीयरागच रियाऽ विदापात्रात पड समयसाङागि किव लिखाण कसायवी॥ यरामचरित्रा रियाया परमसमयमा गि लिखीणक सायवीयरागचरित्रारियाया दवावरिमसमयसाऊ गिक व लिखा एक सायवी) (यरागचरित्रा रियाय अथ रिमसमयमा जागिक वलिखाण कसायवाय रागचरित्रारिया यासनं साडा) कव लिखाण कसायवाय रागञ्चत्रा रिया। ग्रास किंत आणि कवलिरवाणक सायवायरागञ्चरित्रा रियाना गिकच लिखाण कसाय वारागधरित्रा रियाऽ विहाना । तं । पटमसमय चाङागि। कवलि वीए कसायवाय रागवाश्वारिया या अपठम समय खाजा गिरकर लिखीए कमायवा यरागचरिवारिया)
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