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________________ नसुन पायक प + कसाय १ वारिवा134 1 सुरु सुनलो मुच्न विशेष संप्रायक बायन उदय ने १० गुण हित ऊचा स्त्रिते ||६|| || || गुएल होला लगर तेहावर ताबा दरवराग सराग |सामा रियाय॥॥ ऋदवाचरिमसमय बड़ा गिक व लिखाया वायराग देस एरियाचरिमसम पत्रवाणा यत्रानागकुश लिखाण कसा यवीयराग दंसण। रिया / या सगिक व लिखी एकसाथ वायर गर्दमशा रियायत्रीकवलिरवीण कसा यवीयसमदेस ला रिया।। मन्त्रदेस रिया सकितधार ताविदा॥रागत रिवा रियायवाय रामचरिता रियाया स किंत सराग चरित्रा रिया। सराग सरागधिरिवारियाबंदिर [वरिता रियाय । सेकिं चरित्रारियावित्रा ति मुकुममं पराय मुरुम संघरायसरायचरितारियोड चिदाप सात्रा|परमसमयमुमसे (रायसरायशि त्रारियाय । श्रष्टमसमय वारियाया श्रदद्याच रिमसमयमस्य रायस रामचरिवारियाय यरिमसमयमा रागचरित्रा रियाय रागदार वाम सपरायसरागव रिचा रिया विहापात्रा । तॉस किजिस्समा गया। विसुद्यमाणाय । समुमसे रामचरित्रारिया सकितबाद रमे पराया सरागचरित्रा रिया। बादरसं पराय सरागचरित्रारियाऽ विदापात्रात एडमसमय बादरसंपर २४
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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