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________________ समरणाराय संघरणभारणारायसंध्याणामणारायसंघयणरणाम (कोलिया संघयणारणामा वह श्याम सरणमसात कर विचित्र । नरममा सिं राम (मासे वाणशाम परिमंडल सागमसाइ सेवाम॥ अडस Smalam मनात कशवादपणा पंचविशद पा लिबागमधना मिलतिकाम्मा)| Saruaa माग पचविदापतिं निरसना म जावमजर रसना। पत्रित करकम मकानुरके फास नामा असल अणाम रा रात्र राधाला मागागा aama द्विप रण समजावादवा छ चिम उपास शाम।एगा गादपणास सागसाग गारा त्रा विरारनामावरे विहाय नियमवादपणाचा तपसा विहायगतिणा मयाम विहाय गतिणा मातकामः कविदिताए। उच्चारोगा एगो संति रणाम मानावमुकि रनिगंधाणामारस ||७|| विद गायनात्र उवघाता आलुपुरी library.org
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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