SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 445
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ रसाद्या सियावगाढमासारखा खणातया कम्मगाणं दाष्टविनायक मियागाद सारवाया तथा कम्माणं दाष्टदिनु । सारवद्य हारगेस शर दादितास्मा) एक्कासि या तगादेशात संघाचावा घरालियम रिम्स ज लादणि यागादशाविसमा दिया। विधि यसरी रसनद लिया स्मऊ दलिया उगा देगा प्रसाद सरारम्ोऊ दसि यथा दित मिया उगादणा विससा दिया वर लियस राव। कासयोगादास राणा। वन विसरारम् राणाका मियागादया सारख गुणा ॥ तथाकम्म गायदाविना का सियागादासारख mala गवती पउगारण से वारणा पदसम्म कवितांत किरिया पात्रा गो "पंच किरिया उष्णता ॥ काइयां दियाशादामि व्यापारिया वशिया। शाणतिवादय किरियाका श्याल किरिया कति विदा पासागा विदाकदा अवश्य काश्या या कायाय काहिगर या सात करिय्या कतिविद्वाय॥ त्रागाविदाचा तडा हा साड करणव्यायाणि चत्रणाधि को गमियाायाादा सियाग सात किरिया कति विदागमतिविदा मात्र तेह) (ए) library.org
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy