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________________ तारा किणार यावे दियावाचि यसरी रजा व कोंदवणं विदियान नियम र यो चि दिय पत्रवरण उडियसगारविजावादवचेदि यावन घिटास गर तिजार इटाये विदिया घियमरा किराण लढविणारयवि दिया सिराजाय कि यादसत्रमा घढविणार इथपांच दियावर वियमरा गार लाख विव्ययवदियाविया सह मन्त्रमा शिर 500 विदियान) यसरी रविना देश्य पाठविणार याव उनि यसशार किए याला उठविणú विदियाद्ययात्र गरि तापुर विशार इय्यये चि दियावधि यसर पानगरलाटविया रश्यपं विदियाव नियम विपरि यपविदियावयवयमगार विवाद आदसता माडगावालादारा ।।ऊदि तिरिरका यि पाँच दियाधन द्वियसार किसे मुश्चिम पंचिदिय तिरिरकाजा गियावयास शव के तियऐचिदियतिरिक जाणया नियमसमुत्रिम विदियतिरिरका गियावयामशरण शव कतियपेचि) दि यतिशिव सरीर अशा शवक्कतियां विदियति शिव द्वियसार किसारख द्यवासायगवतिय २१४ Pivate & Personal Lise Only
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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