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________________ मिश्किंदलगयात्रायामात्र तदपगारा (सत्र एगरखुरा । स किंवड खरा खुराग विद्या पत्रात पत्रवणा ऊहा) होगा लोग वया। राशाय सयाम दिसावरायला सरल चमर करेंग गा कशामा) दीरखुरा) बाम किं तंगी पयागमायाविदापादयिणा। मंत्री रख्या गं मीडिया वापत दप्पगारा।सन्तंगमीपया। बासकि संसारविहाय वासी दाग्ादी वि) (या) चामर वापरस्त सियालाएगा।का। लगाये काकतिया। संसगाचित्रगा। विश्व लगा॥जयावाणा तदप्यगा शासत्रेसफ यसमा विद्याप विमाया झव कंतियायासमिति सदस mayaवियातिविदा बोरिसान सगात सियो एवम दिया।घल) यरयंविदिव्यति रिकाडा लिया। पहा हादसा ॥ कलाका टिपदीसत सदस्मादतिमरका । सत्रच उपयघल यर पेचिदियतिरिक्कामा शिया) (स किं परिसघल यर विदिद्यतिरिरका जाए। याशड जिरपरिका या यात्रा सर्किनेवर रिसप्पघल परपं विदियात रिकाडालियाश्वचित्रातही अयगरा आसा लियामादारास १० * सभ्य तिरिस्क जोखियाम्। नुजपरिसम्पनिरिं
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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