SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 301
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अवधिया द्वारा बछियाण त्रिमुविलया जहा दियान गरालियम कत्रगातया कम्म गाऊदापा सिघन दियारा लिया ॥३॥ वाचवारिदिया। बाप विदियतिरिकाजा पिया गए चचचनवशेववयसरी ए सुशमा शिसाला ऐचिदियतिरिक[जा लिया। एसरियामा।। गा हा कार ऊमा राग एवरंता सिएसटायाविरकं लगाया कश्याव तासारव घाड भावपइना ब इद लगायत बाघ तील पदमवय लगातारया वा ममस्सा साताक वयानुरालि यसरी रगा छत्रगाय। अवगा। तत्रात बाघल गावसिय साखद्या सिये असार सपादसाद्य।। सारवद्याकाडाकाडातिमा लण्यस्साअवस्थिकमलप महिला अहव हावायाचमव्ययप्पा दवाबमा रासा अकासारखा सारख द्यादिनमणिदि) उस पिणादिश्रवदीर निकालवार शिरिका हिस्सा वदी रक्तामासादिकालारखानादिव हा रामासारखा माखद्या उसपिलिदिवस पिण
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy