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________________ Jale Education खेद्या टीपयर बागात सावद्यासारखच्द्या दिडस जिस दिघव हारेति कालाताखे त्रातासारखद्यो "विशागत न कत्रयाल एंगताना दिउस पिसि पि दिश्र्वदा रति कालामा दा वशलिया खाद्य त्रयाया वा दवाव विया विना गितावनियादारंग सरीरया पल त्रागा इविदापमा बागलगाय मुझे लगाया जाता यात्रि मियागर अविनदाम पाक्का वादा वाति विनाका सांसद पुत्र मुक्ि यातत्र्ता दाउरालियम साकल्यान रहवता तिचा किया। सांतात या मरीरयाय (यात्रा) गायमा विदायात्रा बाघमा गागात बाघ गत ताहि । उस पिटिस पिया दिवदा निकालाता' (वाता गोता लगा। द । सिघि दितात एसजीवासात तक लगाता आता दिवस णिणिवरुपिणी दिव्यवहार कालात खतात । ता लागा। मवनी विदितात गुणा सज्ञा ववगास तसा एक माग) सरीरा विनाणिता तरयागंलात कचति याजरा लियस रारा गायमा डाव हाणत्री तिजदा ब hary.org
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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