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________________ रूस से मून नोकं माहिलोगजीतका वि० पानी ६ बाट नीसा लव फा०] कुलना व्यासद हाय तिमाहि गर्न बालनबाहिरबाला कहिताना वा एतावताबाहिरका दिन नाएल करना ऊसमा कमलादिक । लादिकानी नालबधादिक बेट" बाट सहित कुल 139 सरवातीस खाता हो गूढचिरा पादाना सारादा सेसाठी या वाहात हा विदोजेस्सर कंपन सा६ तदाविद डा मसाला एक छोउबल्लीब रहिता ऊषि घदासरन यही ठाउँ उल्लीत पुरावा परिवजीवान साब या वाणात हा विदा जसा के धनास परित्रजीवासात्रावासात हा विकायचा हा ३५ जया वातदा विदोडी मसाला वक ठाउ त्रीयरानावापरित्र हा विदाइकोत मागवा सलना के योगा विराग पत्रच हो यमुन्य झनाउन मूल ६२ हित बाघला पुढवासविसा ३३ गावासा पिसांत जावियाणादिफन या ग लयाघलया बिटबघा यणा] लवशयमा समसे विद्याबाबत जावाये जा करणा लिया बघा | मान जी गस्त मारवाडी वयात शिया गिया) जीवा या तदा विपलिकातर कंदे रणरजना वावशिला यात ती वागाजी वालिसमा लोपलं देख कांदय ऊदलाय कखबएए ३२ एपात्र जीवा जया वाणात दीपला लिगाएं सुलगासाग धिया गाय चरविंदकं सतपत्र चुरण्या ननाऊ तालु तक जीव परइजिम धवानाऊता पडलेड कंद बलबलतरीतवतीवान सा बत्री। जया वम घोमीएका जीवानुसा बल्ली यादी जलस्मक खादो जीतपुराताि साबीर ताजावते यावा वक्र चक्रे प्राकार एका वैदि तमोग नेताका ३६
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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