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________________ चरमणदायादवठ [समा दियावासायादपरिमंड सध्याणकता र दाता आणावा बज्यादा उल्लानावि विद्ययाद मिटास्मसंखिद्यपादातागाढस्या एए ana शिमाचरिमाईसारखा (गाइचारमंचच रिमा शिव्यादा विशिस सादिया । पादसा साख परिमंडल स्स संगणासारखादसिया सद्य सागासाचा मनपादसा परिमंड गुणा चरिमतपादसा यावर दायादा वि विससा दिया। दध्यादस82 लस्ससंग शास्तस सिया सावद्यय दासा गोडसद बयाराग चारामा चरिमा इसे खाणाच रिमाणिय) (दाविविस सादिया या चरिमंत पादसासारखा युग चरिमं। तयादसावचरित्रपादसार तपासायादा विसिसा दिया। सायासु विजाण्याचा परिमंडला सातसंखारा स्वाद सिट स्मारखादामागढ स्पंाच रिमस्त यचरिमाणय चरिमेन पादसागायचरिमंतवादसा दवयागाद संघ या 128 दे सध्याए। कतार दाता अण्णा वा बिजयावालावा विममा दिया था। गो साना व परिमंडलम्ससे वाणस्स ।
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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