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________________ माहिषे किमऊ ॥ प्रज्ञाना माघमा से विचला पाद 13ली 14 संयुक्त हला नो एक लाधूा माहिला प्रदेशनघा निग्रा अपेक्षा रमते चार बेहला पावताना तेहा प्रयेा तथा मध्य का वितरक ते प्रदरि० मध्य चरमा पायघातमा रमत याद हादस यातिवाद तो अजरिमंत पदेसाय नियमाचरिमं चरिमालय चरिमतवाद साथ अनमितयादिसायानु नाम एमएवा पादसा वाक्यादसमासा हम्मादीजाघ अत्रविमाणय एवाचवमीपाराविपचवालागे बाल चविण्याचा वेलाग विभागात पाव अथरिमाया व रिमाया चरिमनसाय प्रदेश प्रवति दस एयदिव्या मदसा दिया। कतार दाता वाबया वाढल्यावा ना उपेक्षा र विायसादिया व गोवा वाम [सरणपसा पटवा देवडया अवशिमचरिमातिासारखा देश एकक चश्मत यातिरिमंचच रिमा याद विविास साहि यापादया वादामीसिरप नागड कार वाचरिमतदसारितपादसा यथा।। चरिमतपादसा रिमंादसा। २. वरमाल गुहा छ दाविविससाहि anas]सरा पलाएटवादाए) घकाप्रचरम इव्यलेव वो तैयरमेन रमबेमएक [28] दमन्या एसा उता 19 कचश्मद समुदायना उपेक्षाराप ऋपसं चरममा अशिम वरमातिरातिरित) चरिमायादी विशिस सादिया शव रिमतपादसा काम स्वरितपादसा सरितादसा या चरिमंत पाद सायादाविशिसमा दिया। न‍रमका विवादसत्रमा साहम्मत जाव (जागा वाचवा लागत साता रिमस्मयचरिमाणय च शिवशरमा तमेतदिमाया व रिमन पाद सायद बया पादध्यादिव घ्पाद सध्या एकन रिश्ता प्यादा एशन मा बदला रमप्रदेस चरमप्रदेसमा हिप्पारा पूर्ववत ॥ विशला लोक नौ जना कह दिएबेने 1980s दो एबि जाकरघा एक इविसेषाधि कऊतिच ds लोक नाइक हवा! उपला11 लोक सइति वारिविसेषा धिकले कि म एक घरम घणावर
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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