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________________ बहिस्वरमा गर्न चातिर्यचमनुमानमासमाश्रयोनित कम स्वायोनिस्तानक सनिबार्यरु विशन प्रतिने मिश्र यो निघा प्रचिता सचित-ते ध्यादिनान खलु योनिने रइया तावदेवा। मिश्र युगत्तव सहा निवियायोनिससा ॥ ॥ ३२ दिव ज्यात करियर सर्वाभि हवा सचिन, सोनिया न लकेने एतन प्रयोनियात गर्नज निर्यचमनुष्यने एमि श्रपि प्रशन शकाइ एक नइन पर प्रतिघका प्रचित योनिया से ध्यान गुणा देव उपनाना तारकान तथा एक दिन संध्या नामानिकासि अनंतगुणा गुलानिंगो वारसारलाई तहस कावासाना विजामा सियांगजागएवावचरि दिया। समुत्रिमविदियतिरिरकाजा पिटाया मस्सा नेता यaraalaझवतियपविदियतिरिकामा शियाोग सर्वके नियमपुस्ता सविता चितिओट त्रामा सिया जाएगा वाणमेतरा मणिया जहदा पुरक मारा। पितासग संतजी वारंगसवित्रा लाधकारोतर यौनविन जाणवित्रा जीएंना रायकवार दिता। अण्णावा बावालाaa) कुन विष ससा दिया)। ग वामास जाणि या विचाणिया असा डणिया साकाडाघा लियाकत गुणा सचित्राणि a कति विदार तिविद्धााजा ॥ जावउयनोव विषइतिहाउ पऊ मध्यंत वियना समवि यमाइयासात किंसमा जाणो विय) वियडानदेय पाकारण संमवियामा जाएगा। शाविय का कारण समविय्डा [जाए। (एवेडावद निकालाथ कामवासना, पारस निकाश्यालाब इंदियाएं संमाड वियमाणामवियमा ज्ञाण विद्यमाना यदिक विधात्रामासखमवियमा एवं चरिदिया। बाबिम विदियति रिकामा [लियाएं समुमिमा दिवतापाचा पाव बझवक तियां विदियतिसिकाजा लिया झवक्कतियम प्रमाण याणासंबुडाडाला लाचि ब्रश से सुद्ध संतु•मुष नापरितिहा डाए उत्पत्ति रक्षा उपनोलाई वउपना विथंडाव नगर्न माहि तस्वरुपपतो लस्पता वरिन संबुर ऊरपा आएावी उला9 1994
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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