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________________ छावासारव द्यावा व तांति॥ एवंजावादसत्रमाए अमुर कमाराणां सताएगसमाकवतियाउaa व्यक्तिगादाताशोकाया । दावातिविकासासारख द्यावा वा । एवंगकमा राजावा कारयामध पणियऊ मारा वितालियवाट विकाइयाशांना कवति यावत । अणुसम यंत्रविरिहिये असा सातवेनावचा कायासितासमयाक रतियानवद्यति वास ग/सवाय पचसमयेविरहिया समय विरदिया अविद्यावदि निगाउदा स रिट्रियाममुनिमचिदियतिरि रतावा शामत कासियांसादम्मी पुरवायचे अ तियागमवद्य याचन धादावति शिवा का सिए) साद्य वासवद्यायावग याज्ञव इंतियपचिदियति रिकाडालियांस मुश्चिमम समारमा दिदबलाला टालतमा हा सुक्क स द स्मारक प्णादयाप हाय झकेतिय मणुस आया या एयरवाया पा महाकाचा दावा तिणिया। सारवद्यावानवद्यति। सियागसम एक वति International h प्रांतात इंदियासा Persodin One Only ehrary org
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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