SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 217
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ mana सिकरणाघर स्वागत पादप वडिगा एव अकासामा हविग सामावासागा दावाएवात्णचरसारणचाणवमिण्ड HOSP हादगा लात वादसियाका गजाला गादाताशद) सिएरवाध सात पादसिय सारखे धस्स दब एखाद्या पादसह या एच मिगाइए। घ्यायचा ना उगा वड़िए वामा दिउवशिल्ल चासािका सामाद एएविए दमणुका[स गादयादसिया बाग हत मष्ठाका (साग) दण दिसियरवा देएम का सागादागा धम्मद यात्रिय दिसध्या छावडिया हरणाय चलाए । डिपनि पचन छाए घडिएला दिन फास हिं । वमिदमा छेती ग्रिला । एखासकर गादहितीपर मायागाला जहाहिती पागलस्तद ६४ या० चालवा पादस5 या खाल्ला गादगाह या पालविनापाल्ला या दिड फाास दिया बडा व एवं कासहितापविण्यदामपाका स वित्तीय विवाचवण वरधिएव एव डिए) दमा द्वितीयाएँ इपाद बागोता पत्ता से के लांडे गोय माजदन्त्रहितीए १ * दुपदेखी या For Private & Personal Use Only
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy