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वामं समुद्रमाहियाला ना मालाक रहते वा या कविक्रमियम 13३।
वाटकाश्याया समान कायास किंत बादरवान काइयाबादरवान का यागविदापा पाया वायदा या पादादिचा एवदा वा तिरिया विदिसावा वा मवान कलि मंड लिया। कलियावाए गुंडावा एशांत वाता संवेद्याचा वारा नवाएं सं समासव ||७विदापण शांताद्यत्र गाय अपनाया ग पगारात सिगांवm) दादारिमा दासोका सादास सदा गिप्ामुदस यस दस्ता पत्रगणिस्ता अपात्रया वक्कमति यमाद्यत्रबादरवा काइया ॥ सावकाश्या) बामकिंत दया स्मश्का अश्या वारस इकाइया विदाम म इकाइयाय बादरखास्त इकाइयाय । स किता सुमफइकाइया सुद्धमा फश्याऽविदापात्रातपत्रम वफ काश्याया पात्र समव एक इकाइया मफइकाइया बास किंत बाद रवाफका इथा। बादरचा क इकाइयाड विदापण शा|| पात्र यसरि बादरवणफकाइयो पात्र यसरी रबा दर वाफश्याडवाल *साहार सरीर वा दरबल प्फ इकाइयाय । से किं तं मन्त्रेय सरीर बादरवणफ इकाइया २
पाड्यावाण
असंपत्रात यासाविदाण