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________________ एकटी से एक राम कही नेता पर्याय समवेति सामान्य गौतम राजेन्नार का निशक्तला पर्याय। यूनंताय टाला कटाइ यामेव यथा सेनानि सामान्य संख्याताकारका नायक महाय। एडवो उपासरखे शाक नारकर लता नारकी बाकाना २का संघात ताल्पा जिशिअ हालाशिता सध्यात्म लाग ना५००धनु| हालाहा६॥ तिकिम एक नारका नी५०० धनूष्पनी प्रवगा है. एया ॥ एकबा ज्ञानी ५००धनु प्रमाझिएक ग्रेगूलानी से ध्यान मालातिप्रसंख्यातसाग काना५००६ बनाइदिसादिद्याति इंदिया) असावद्यावारिदिया । अमारया विदियतिरिकाजाणिया अमोरा मनाव गोलम प्रयताना प्रसंख्यातमा नागते से ष्यात गुल्हा महानरम मद्याग एम तखद्या । नाइसियाद्यावमा णि या रंगता सिद्धए गहना गुलाना यमाणासारखा खद्या खतायता या पावापगा यातनागृहा एताद्य वापरत्र साकाहारी एवं रा तापात्रा या शारा। नकटीयार यात्रा पास यात्रा गाद ए६ याए सियहीए) सिट खाल्ल सियाझ दिण्डदि सखे अन्य दाताखादी एव लोग दाराम सादा गुण झवाझ दिए वो सारा नागमश दिए वा सारखा! मझदिएवा।। दीवा मावा सियारा सियोल मियदिशा असर वडा नागा यावा ६ एकनारका रन प्रति लोग हाथा।। सारवासारवायाही अज्ञादि सारा नागमन तथा सेखेक माहिप्र दिएवा सारखाश्नागमज्ञ दिएका सारखे हाराणामश दिए वा असा सणाशदिवा) कालव पाने हंसिया सियाल सियाझ जि दिया। नागदा ॥ मनुष्यनीश्रव यह६॥॥॥ नामसंख्यात गुणाएव रकी नाथ०० गृहाबाडा बाऊनार जागधिकक ही इसे एक नारकाना ४८ घनाना रकाना ५०० साधक संऊ गुए के नारका नी १०० धन का ना५०० बनी बोजाना धनुषना पुश एसंबज गुप्रधिक 1391 सुकना का अप्रयशिना लुनी संपात मी जागा पनि बाजा नारकाना ५०० नारकानीप धनुषपुराए नृषाएं संध्यात गुल-धिकानि श्राश्रावमायानिकिमान असे एक नार कानून सागर । बाना दस हजार व ००धनुषना संतो सारा ध्यान नागही कही स०एकनाकानी ३३ सागरेनबो का ना ३२ सागर नाति सोजाग हाँगा कहा साना बीकानी 1 सागर ना०सबऊ गुप ।८ असे एक ना३३ सागरना। बाजानी दस हजार नए शेषे गुण हा एक हाथ 13 संपातगु ना एकना
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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