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________________ जाएगा लागलि नवमी (कारणसतिगंधवलागलिनवमं परका विमा उपचचियादिव गागा जहा विद्यावासायिक विमा छत्रियाए दवाएं गाऊदाए विकास एव कत्रादिमा पनि यादवाचन लाग पलिउयमं सातिरिंगला गए नियम श्रोता। धातारा विमासा (दिवाशा ।। । मा जहा साग पलिवमोकास व सागालि तारा विमाछत्र दिवा गाड दाणा विनाका [लए वितामुवारा विमा myara) गादारंग लागण् विधाता का सच साग पलि नवमं ताराविमा दिवाणा गा जहासाग० विकासासा उस पल व तारा विद्यत्रियो । दवाएं गाऊ दाराणादिका सपा विद्यतामुतारा विमाण पत्रियाणा दिवा. बागड शाहल गलिश्वतामु रणे। अक्कास एंस तिगेलाग लिववम ताम्रगमा लिया सातदे वा क वईय कालविता यशाचा गाडा दाग लिन मे छक्का सतित्तीसागारावमापद्यात्त्रियाव माणि rary.org
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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