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________________ निरि• तिरात्र* अहे लोपश्रांत गुणा हूं। तिरिय लोप संखे हा गुणा । बादिमा वा एस वाई दवाई लोकसंख्या वाचन प्रभाकर तात्रप्रानता सङ्घ सर्व लोक तिसा हा की महाषा के फाहो वलाऊवा गुणा माटेते नात्रलोक व्यायामाता उदयतिरिके शतरि बिली कि प्रनंना ते नातिरखि लोक नौ जे सर्व उपलो एक प्रदसनोश्त २५ लोक नोसर्व लोकप्रसा लगुणाऊंन घ तंगुणामाट हाय ॥ विसेषाधिक मादताविससा दिया जागरा वाससादिया पात्र याविमसादिया आम्म कम्मबंधगाविस मोहिलो बाद शिवलोक या (दार२५) वात्रावासाला तलाक होलायति रियाला अदालाय तनो नाम धकाऊ तिरियालाय सिमा दिया। तिरियोलाएमा वा ।। उहाँ लाए सारत हादाला मिमादि। जालोकक ● यावदिसावावापायला वह दिन आदि दिसाए शिसमा दिया। 79 शिमगोदा दिगायच लोक शिमगा यादा विल्लादा दिशाश रमितरपचमियादा विनुल्ला विससादि कलाकारममा छ। मवि ससाहियादा दिशाएं विससा दिया। उत्तरादि तदेक सेवा ससादिया बारावासा वा दबाई ताला उद्यालाय तिरियालाई अनुशन् देसिक एका सदाला यतिरियाला एविक्ष दिया महाला विद्या प्राद दिसा एड दिसणारा चालोक ॥। रामदा दि॥ मयादा विनलाई सारवणादादिमिर पशिमयदे) या विद्याविसमा ई। ७२ विद्याप विम विससा दिया शैदा दिएाएं विसदियाशेघ) ३ नारांसिस दिया । ३।३) पास सोत परमाणु [पामा लागे सारवद्ययादसिया मा द्यपादसिया नेशनेना सिष्यात प्राद का तप्रदेसक बेधक वि यु प्रमा लोयतिरिहे s रजिलो कि बे तरफ निविसेषाधि हिवइदिस घोमा गुगलक दिसहारा समजून ल मेरू मध्ये रूवक प्रदे शतधानिक ल्पा प्यार प्रदेश कवेदिसि गिलो कोनात जातिहारमा सात राऊ षाधिकमा पीक हे माहेरान याति प्राह तेनानादि सावक घाई मअनिकल्पाच्या रसादस साल गिलाको तात सात रात्र फकेराबाला उतरपुर. तर पूर्वई घाउलार दिसा० दिन ज्ञानमनताई कम ध्यातगुणावला स्वस्तान के माला मारिल्ले एववादस रूचक धानि कल्पा मुकाबला हारन नई प्रमादानतिर बोलो कातिना वाली कांतिक चाल कति कातिलक रावना संमाना हिलाता क्लाविसिनो ख केशव स्वास वादा
SR No.650030
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages558
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size250 MB
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