________________
सङ्घ सर्वोमात काय पर्याप्ततरां गुलनामा तितोप्रतस्पति श्री गुलनामा
माघ की सकापयति संख्यात गु ३६
तेसघ का निकाय प्रसंख्यातगुणा
3
सार । पृढविकाश्य) कोकासप्रदेश काश्या पत्रा विमादि ३६१ सिकाइ कतिप्रभूत काइया एका
रुघा 98वा
संध्याताला
का
यासात काइयात्रा पद्यतगा शिससा दिया। आज काश्या अपगाविसमा दिया। या वाकायामा विम सादिया इकाइया पात्रगाविससा दिया। काश यांसुद विकाश्या
म
संपातलो
वाचकाया। शाफ इकाइया तमका प्रव यावा । उच्लावावाससा दियाया गास चाचा कायापात्र कायापा कोप्रपकाय विसेषाधिक त्रासारखारणा विकाइयाछत्र गा विसमा दिया। काइयाछत्रा दिससी) नेतोभूततर दिया। वाचकाश्यापaविसमा दिया।फ इकाइया पत्रांतरगा| सकाश्या पाच काका मशद मा विशस सादिया) चात सिसास काइया पद्यत्राशी का दिवाणाघा बयावा अलावा उ विससादिया घास का या पत्रास काइगासारखा सांस विकाश्या०द्यञ्चाशकयार२ दिवाणावा बजावा लावावामसा दिया।
राप्रमा
या यात्राएं) कथारहिता यावा
by org