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________________ हावीरखाया तिमिरात्रिदल घणा वैश्रमराई धनी ऊंड आयता घरश्तेइसा वैश्रमणॐ मधारी इंद्रादिमधर हार महावीर जाप तस्य चरणो बहावते ममणऊंड धारिएगा। तिरिय जनगादिवा। ढाल निविद शकरपरश्ववनशंकर मिघारघराजा। घर र विषइ घन्यानो नानक बुरिसवनकर सिवन कुरई वला रिम।। पान वा अण मोनाघघानउवरि आनरणरच सक्कचयां सिधळ रायनवरंग मिहिरणवासचा मुवम्मवारांच कीमिहरतन मय दीवा साहामध्यरुच कधी ४वी स्वामीना गुलाबदाम मि क्लीपवन रिसिव वलीफ़लन वरि फल नउ वर सिवड बीजध्यान्यादिकना ध्या फुलमालय का पुटपाट कामादेघाती ऊपर करशद बना सवडकरइष्टवत तिरउवरसि वडवली कंगन उ बार बांध (पबइ सगल गीत संतापत वा संच पुरवा संचाफल वा मेचा बायवाचा मल्ल वा मंचा गंध वा संचगनगावात वन व सबवली चूर्णगंव वसुधारा व्यनउवरिसव विवारयबर ते सिङ्घार्थष्पत्रिय तव नपतिए वाणमंतर ज्योतिषीए व्युतर ३२ दसवैमा निक ६४ प्रजाणिवा तिरिया लोकना इस एहार जून कादवतारा घामवरम श्ते वर्ष घ गवर सश्ते टिकवा *यसवाल तुमवासचीवसुहारवा मंच, नवास मिधाळ खलिए। न वववारण मंतर वैमाणिकदे बताए। सगले देवता पता करन जन्मा हिमामहोल विकीधीश लिषेक संघनी मज छ घकीए इसवे मारण पाहादावहिं तिलयर जम्म एम लिसिया महिमायक गाए। समार स्नातका लरइ विष नगरना कोटवाल तेडाव मादीकरी । इमक हवामान काम सिमरणा र गुति एस।। दति रमायचेवया साध्वियात्म ALESU 4594 मात यादी बाणा धर5 अ रुचकचकीचा भर वयरवास चाव वासचार Gald arguese
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
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