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भारतमादिक ततियांना
यामपिस समिविज्ञाय
मधमा संल
विमान कनीनदार राजहंसानी सारोधी गतिकारी द्विशिवा मिनिश्र आपल घर त तिही निश्राव
हनी जाती का
एक श्या सनदी बीजपा सइपर बतति विद्ययेऊ
शासनसंघासन
मश्करी उक काया चपल सब किन नहाइ जब लती
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बतासलवणं श्रणुप विद्या जम्पत्ति इंच रणं समरणे तगवं महावीरायकुलं स श्रथवा निषेधार्धनाकुलरवि ते दिहामा आदि द इकरा घरण वैश्रमणमधारी "तिरिठा लोकना बसणार हत क नामदेव ताश पुराणी र हिबानी भूमिकाया
| इभा घइये व सश्तेक बेट
घसंक्रमाव्या वली रंगशष्टि सो तार
कुंडहिनाभर हर
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म जिपिपाषती वाडि अवश्तेया मघवा
अथवा पर्वतरागाला माहेर साहरियातयतिय चरण व दवाव समरणऊंडधारिणां तिरियजं लगा दिवा सक्कवः माया करलो हार्दिकन कशमनश्ववइक कना येयदवापदि लोका चिरंतनजी यांरास्वामी नद्या इमामाहा निधानभूमि मा हे मतरया घामात्या विनयविक्रयोल सहित कोटि यह नश्लागतेमडंबधातेहिव सहश्रादिकर्मव्यासादितवडु ॥ 'ते मिजवाम निमकद निधान कुछ उचिपो हरयाना सर्व योग (सजाई। इमाई पुरा पारगाई मदामिहागावं तिनं हा पहीण लसहितको विजिष्णपाध
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याय विलं बियाए । राय हंसस रिसाएगई। विसय नवरगात रंगवनवा जिगि दिनि पन्त (ति जिगिदिदा दिदेईकरी वली श्रीमहावीरति मरण लगवंत लिराजानामि
श्रावणाघरमादे पळ पश्वी
मे जहां ग्रामवसश्ते ममब घयगाया स्वामी जेहना ॥ विगयाधननामी दणदार
यांना श्रधवा संनिवे सगो कलकहवाइ ॥ अवश्तेनगर लिना कोरि
समुतणीवेलिवलय सहित
येग मते द्रोणमुषः। पवन सामियापही सियाई। यही रोजागरा । उ शिन्नसा मियाशन लिमसे सदिन ते घट
जिहांरतननीषाण अव
माधनघयातर