SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 42
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ समरी नगुम समवर्णादिविशिष्ट मर येसुरत ऊसम माला भव देदीप्यमानमनोहराने कवर्स नक्ति विविशिति घमपदन्तुमर सुगंध फूल सम४१ माला का इकरो धवल उवधिक पिकर चित्रनानाविधदाम मधुकरी जातिविशेषरकवलतियांन रनिकसमल्लधवल विलसत के बवमनति । उप्पयम ऊयरिलमरगरण गुम्मगु की श्राव्यानि संबइगर श्रीकाम तलहोती तर पनि तिवारीच गाइमाइधना सोनगालोकन मस्त गमायमानमधु निलायमानधानांत रथ देश करवादः गुड नशदविसे देश नागर विमइइसीमाला x दार सलाइ दमादेष के - मालादी फल कम्प्रासगवंत हो मिउ: म्मायंत गिलेत गुंजता दस लागो पिबनियलत लागउव येते ॥ ससिंचा गोषी रा पाणी करण कलसतिश्णसार कल्याण दयनइयन लोचननश्का सनिम संबंधाविमरन कर इकर कार पंपोटा पान उप्प स्वेतव प्रति समूह करीघ निमंत कारक कमनीय रणंदगरय श्यय पडियुन्न । तिमिर कि रघ कलस्मपंडुरासुतहियययणकता वन निकुंजा दिकते मायकलपष्ण अतर राजनी सोसती राति विका तियांनी विकासरणहार रोविन इमोलान चलाए हनश्कारहरणहारबर कलपष्पतियां नई इंविचा लेषाजे हमीद सीधे ऊंमद वननन विनोधिक उकारक गहिरवितिमिर करोपमाणपरकेतेरो यैले हो कम दवा विबाद ग्रां पिसा मोत मु मघवा प्रमाणपष्प विज परतिशनिमति मष्ट आसार तलब तिणसमान राजहंसना परिपटु प्रकटधवल ताराना मुषन मंमन अंधकार मदनका तेहन प उपमा हनइब" वर्ण (यह नई योतिषीय गणनाच सोलान उकरणदार रिपुवारी मतदना प्ररणहार राग घरदारले पायें ढना से पूरा किला सहित परिमहंदपात लाव मा सप डुवाइ समुह मंड गंगोतम रिपुं । मय इम २ ॥ वाटुला समुनापारी न पूरकच जनलोक दयतावरिं नियान पादक सोष बताया िवलीसोम्यमनोहर शाधकी स्वेतवर्णपणाघमा धकइ समुदवेलिमूकडू जितस्त्री रहित किरणेकरी करेगी कधी चारी सानीमा करतार रापूरं स लांधकारत उता देषलादिसिर विषयक वृति परिस्फुटम इवार्थ जाणं मुध्दगझरया कुममाणे अगदत्तश्वव याग हिं सोममता पुष्णा सामचारू रूप ब‍ म आइजिपि हाती घ कतारहित पसा दो ने मकवा
SR No.650029
Book TitleKalpa Sutra
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
Author
PublisherNagor
Publication Year1677
Total Pages234
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size100 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy